The vulture and the little girl by kevin carter
*यह_तस्वीर_याद_है_आपको ?*
....
......
इसे नाम दिया गया था
*"The vulture and the little girl "*
इस तस्वीर में एक गिद्ध भूख से मर रही एक छोटी लड़की के मरने का इंतज़ार कर रहा है ।
*इसे एक साउथ अफ्रीकन फोटो जर्नलिस्ट केविन कार्टर ने 1993 में सूडान के अकाल के समय खींचा था और इसके लिए उन्हें पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था ।*
लेकिन कार्टर इस सम्मान का आनंद कुछ ही दिन उठा पाए क्योंकि कुछ महीनों बाद 33 वर्ष की आयु में उन्होंने अवसाद से आत्महत्या कर ली ।
क्या हुआ?
दरअसल जब वे इस सम्मान का जश्न मना रहे थे तो सारी दुनिया में प्रमुख चैनल और नेटवर्क पर इसकी चर्चा हो रही थी ।
उनका अवसाद तब शुरू हुआ जब एक 'फोन इंटरव्यू' के दौरान किसी ने पूछा कि उस लड़की का क्या हुआ?
कार्टर ने कहा कि वह देखने के लिए रुके नहीं क्यों कि उन्हें फ्लाइट पकड़नी थी ।
*इस पर उस व्यक्ति ने कहा,*
*"मैं आपको बता रहा हूँ कि उस दिन वहां दो गिद्ध थे, जिसमें एक के हाथ में कैमरा था !!!"*
इस कथन के भाव ने कार्टर को इतना विचलित कर दिया कि वे अवसाद में चले गये और अंत में आत्महत्या कर ली ।
किसी भी स्थिति में कुछ हासिल करने से पहले मानवता आनी ही चाहिए ।
कार्टर आज जीवित होते अगर वे उस बच्ची को उठा कर यूनाईटेड नेशन्स के फीडिंग सेंटर तक पहुँचा देते जहाँ पहुँचने की वह कोशिश कर रही थी ।
*ये एक संदेश है मानवता के नाम, इंसानियत के नाम कि अपने घमंड ओर प्रसिद्धि के फेर मे इंसान भूल जाता है सब कुछ, भूलना पर ये मत भूलना कि हम भी इंसान है अच्छा और बुरा समय कहकर नही आता कष्ट अपने अपने कर्म के अनुसार जो ईश्वर ने लिखे है सबको भोगने है ।।*
*जिंदा रखे अपनी मानवता अपनी इंसानियत अपना जमीर*
*पैसा बहुत बडी चीज नही है आज आपका है कल किसी ओर का होगा प्रसिद्धि आज आपकी है कल किसी ओर की होगी।*
*जिस समाज मे जन्म लिया है उसके प्रति जो आपका धर्म है वो जरूर निभाए।*
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इसे नाम दिया गया था
*"The vulture and the little girl "*
इस तस्वीर में एक गिद्ध भूख से मर रही एक छोटी लड़की के मरने का इंतज़ार कर रहा है ।
*इसे एक साउथ अफ्रीकन फोटो जर्नलिस्ट केविन कार्टर ने 1993 में सूडान के अकाल के समय खींचा था और इसके लिए उन्हें पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था ।*
लेकिन कार्टर इस सम्मान का आनंद कुछ ही दिन उठा पाए क्योंकि कुछ महीनों बाद 33 वर्ष की आयु में उन्होंने अवसाद से आत्महत्या कर ली ।
क्या हुआ?
दरअसल जब वे इस सम्मान का जश्न मना रहे थे तो सारी दुनिया में प्रमुख चैनल और नेटवर्क पर इसकी चर्चा हो रही थी ।
उनका अवसाद तब शुरू हुआ जब एक 'फोन इंटरव्यू' के दौरान किसी ने पूछा कि उस लड़की का क्या हुआ?
कार्टर ने कहा कि वह देखने के लिए रुके नहीं क्यों कि उन्हें फ्लाइट पकड़नी थी ।
*इस पर उस व्यक्ति ने कहा,*
*"मैं आपको बता रहा हूँ कि उस दिन वहां दो गिद्ध थे, जिसमें एक के हाथ में कैमरा था !!!"*
इस कथन के भाव ने कार्टर को इतना विचलित कर दिया कि वे अवसाद में चले गये और अंत में आत्महत्या कर ली ।
किसी भी स्थिति में कुछ हासिल करने से पहले मानवता आनी ही चाहिए ।
कार्टर आज जीवित होते अगर वे उस बच्ची को उठा कर यूनाईटेड नेशन्स के फीडिंग सेंटर तक पहुँचा देते जहाँ पहुँचने की वह कोशिश कर रही थी ।
*ये एक संदेश है मानवता के नाम, इंसानियत के नाम कि अपने घमंड ओर प्रसिद्धि के फेर मे इंसान भूल जाता है सब कुछ, भूलना पर ये मत भूलना कि हम भी इंसान है अच्छा और बुरा समय कहकर नही आता कष्ट अपने अपने कर्म के अनुसार जो ईश्वर ने लिखे है सबको भोगने है ।।*
*जिंदा रखे अपनी मानवता अपनी इंसानियत अपना जमीर*
*पैसा बहुत बडी चीज नही है आज आपका है कल किसी ओर का होगा प्रसिद्धि आज आपकी है कल किसी ओर की होगी।*
*जिस समाज मे जन्म लिया है उसके प्रति जो आपका धर्म है वो जरूर निभाए।*
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