Friday, September 28, 2018

7th Pay Commission

7th Pay Commission: केंद्र सरकार ने 2016 में केंद्रीय कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग का तोहफा दिया था. मोदी सरकार ने कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने के लिए सातवां वेतन आयोग को 01 जनवरी 2016 से लागू किया था. लेकिन कर्मचारी सरकार के द्वारा दिए जा रहे 7वें वेतन आयोग के फिटमेंट फैक्टर 2.67 के परे 3.58 फिटमेंट फैक्टर के अनुसार सैलरी की मांग कर रहे हैं, जिसको लेकर पिछले दिनों केंद्रीय कर्मचारियों ने प्रदर्शन भी किया था. लेकिन इस बीच कुछ राज्यों में बढ़ी हुई सैलरी का तोहफा सरकारें देने जा रही हैं.
बता दें कि मोदी सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद केंद्रीय कर्मचारियों का डीए 2 फीसदी बढ़ा दिया था. इसके अलावा उनके टीएलसी भत्ते की अवधि को 2 साल के लिए बढ़ा दिया था. लेकिन केंद्रीय कर्मचारी उनकी सैलरी को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से परे बढ़ाने की लगातार मांग कर रहे हैं. अपने कर्मचारियों को बढ़ी हुई सैलरी का लाभ देने वाले राज्यों में हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु शामिल हैं।
राजस्थान में विधानसभा चुनावों को देखते हुए वसुंधरा राजे सरकार ने कॉलेजों के शिक्षकों को बड़ा तोहफा देते हुए 7वें वेतन आयोग के अनुसार बढ़ी हुई सैलरी का तोहफा दिया था. राजस्थान के अलावा हरियाणा सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को 02 फीसदी बढ़े हुए डीए का तोहफा दिया था. जोकि 1 जुलाई 2018 से प्रभावी है.
वहीं मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने राज्य के लाखों कर्मचारियों को राज्य में विधानसभा चुनावों से पहले 7वें वेतन आयोग का तोहफा दिया था. 7वें वेतन आयोग के अनुसार सैलरी में बढ़ोतरी 1 जनवरी, 2016 से मानी जाएगी. इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों को 32 माह का एरियर भी दिया जाएगा.
वहीं तमिलनाडु सरकार ने सरकारी डॉक्‍टरों की वेतन वृद्धि और प्रमोशन की मांग को लेकर एक कमेटी का गठन किया है. दरअसल राज्य के डॉक्‍टरों के अनुसार केंद्र और राज्‍य के डॉक्‍टरों की सैलरी एक है. लेकिन केंद्र में नियुक्‍त डॉक्‍टरों को प्रमोशन तेजी से मिलता है. राज्‍य सरकार में प्रमोशन 10 साल की देरी से होता है।।


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