Thursday, August 2, 2018

जियो_यूनिवर्सिटी / एचआरडी मंत्रालय द्वारा अपनाये गए 'सख़्त क्राइटेरिया' (??)

'जब सैयां भये कोतवाल'??

एचआरडी मंत्रालय द्वारा अपनाये गए 'सख़्त क्राइटेरिया' (??) 


आईआईटी दिल्ली, आईआई मुम्बई एवं इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस(बैंगलोर) जैसे दिग्गज और उत्कृष्ट सरकारी संस्थानों के साथ साथ इस लिस्ट में मनीपाल अकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन और बिट्स पिलानी जैसे पुराने निज़ी शिक्षण संस्थानों के साथ छेवीं एन्ट्री 'जियो यूनिवर्सिटी' की है..

#जियो_यूनिवर्सिटी#

जिओ यूनिवर्सटी, जिसका उच्च शिक्षा क्षेत्र
में कोई उल्लेखनीय योगदान तो ख़ैर दूर की बात है, अभी तक कैंपस तक स्थापित नहीं हुआ है. कोई कोर्स शुरू नहीं, कोई फैकल्टी नहीं, कोई प्लेसमेंट नही और छलांग सीधे भारत के शीर्ष छः उच्च शिक्षण संस्थानों में!

यहां गौरतलब है कि एचआरडी मंत्रालय द्वारा अपनाये गए 'सख़्त क्राइटेरिया' (??) के चलते पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ इस 'इंस्टिट्यूट ऑफ एमिनेंस' लिस्ट में से आउट हो चुकी है, मगर 'जियो यूनिवर्सिटी' जैसी बिना अस्तित्व की यूनिवर्सटी मज़े से जुगाड़ बैठा कर बैकडोर एंट्री के जरिये इस लिस्ट में शामिल है.

उच्च शिक्षा से जुड़े कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज को दशकों लग जाते हैं इस इस इंस्टीटूट ऑफ एमिनेंस लिस्ट के लिए जरूरी पात्रता हासिल करने में, और दूसरी तरफ बिना कुछ किये धरे जियो जैसे अदारे मलाई चाट ले जाते हैं..

निजी क्षेत्र के संस्थानों को यह दर्जा देने में कोई हर्ज नहीं, पर उन्हें पहले इस स्टेटस को हासिल करने का दमख़म दिखाने भी तो दीजिये हुजूर...

अब तो बस यहीं कसर रह गयी है कि बाहरवीं (मेडिकल ग्रुप) के अपने किसी चहेते छात्र को पहले देश का सर्वोत्तम डॉक्टर घोषित कर दीजिए और फिर उसकी पीठ थपथपा कर कहिये- अब डॉक्टरी का कोर्स कर जरूर लेना भइये!

#रूल्स_गए_तेल_लेने#
#जियो_रे_बाहुबली#
#RIP_Equality_and_Fairness

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